धन्यकुमार चरित्र, dhanya kumar charitra

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जैन धर्म के शास्त्र और ग्रंथ उसकी धार्मिक विचारधारा और उससे जुड़े सिद्धांतों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन ग्रंथों को जैन धर्म के आचार्यों ने लिखा है। इन ग्रंथों का महत्वपूर्ण भूमिका जैन धर्म की तत्त्वज्ञान (philosophy) है। इन ग्रंथों के अंतर्गत विविध विषयों पर विस्तृत विवरण और उनकी व्याख्या दी गई है।