Invite your friends/followers
You don't have any more friends to invite
About

जैन धर्म के अनुयायी अपने भोजन में निश्चित नियमों का पालन करते हैं। जैन धर्म के अनुसार, जीवन एकमात्र महत्वपूर्ण है और सभी जीवों का सम्मान करना चाहिए। इसलिए, जैन भोजन में हिंसा से परे रहने का खास ध्यान रखा जाता है।

जैन भोजन का मुख्य नियम है कि वह लक्ष्मी मिले या न मिले, परंतु हमेशा सत्विक होना चाहिए। सत्विक भोजन का अर्थ होता है कि भोजन में केवल शुद्ध वस्तुएं हों, जो जीवों के साथ कोई उत्पीड़न न करें। जैन भोजन में कभी भी मांस, मछली, अंडे, प्याज, लहसुन, तम्बाकू, अल्कोहल आदि जैसी आहार सामग्री शामिल नहीं होती हैं।

जैन भोजन में सभी खाद्य सामग्रियों को अलग-अलग समय पर खाया जाता है। जैन धर्म के अनुसार, समय के साथ खाद्य सामग्रियों में आने वाले परिवर्तन से उनके गुणों में भी परिवर्तन होता है। इसलिए, खाद्य सामग्रियों को उनके गुणों के अनुसार अलग-अलग समय पर खाना चाहिए।